Page not found – Adda Blogger's https://addabloggers.com आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं Wed, 03 Jan 2024 03:16:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.5.14 https://addabloggers.com/wp-content/uploads/2020/09/cropped-5b3a8b91-7342-4f4a-acc3-5c976e5ab168_200x200-1-32x32.png Page not found – Adda Blogger's https://addabloggers.com 32 32 “नौजवानों को भड़काना चाहते हैं ओवैसी’: BJP MLA https://addabloggers.com/uncategorized/%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%9c%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ad%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%a4/ Wed, 03 Jan 2024 03:16:43 +0000 https://addabloggers.com/?p=385 बिहार के पूर्व पर्यावरण एवं वन मंत्री नीरज बबलू ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी देश के नौजवानों को भड़काना चाहते हैं, मुझे लगता है जो भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उससे ओवैसी घबरा गए हैं। दरअसल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषण और एक धर्म के खिलाफ बयानबाजी को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। वो अक्सर अपने भाषणों में मुस्लिम नौजवानों को अपने मुस्लिम धर्म और उसकी ताकत को बढ़ाने के लिए अक्सर नौजवानों को भड़काते नजर आते हैं। अभी हाल में ही उन्होंने अपने एक भाषण में राम मंदिर पर निशाना साधते हुए मुस्लिम नौजवानों से मस्जिदों को आबाद रखने की अपील करते नजर आए थे। ओवैसी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता नीरज बबलू ने कहा कि ओवैसी देश के नौजवानों को भड़काना चाहते हैं और मुझे लगता है जो भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उससे वो कहीं ना कहीं घबराहट में हैं। वो उन्माद फैला रहे हैं, ओवैसी हिंदुत्व की ताकत को वो नहीं समझ रहे हैं अगर हिंदुत्व भड़क जाएगा तो देश में मुसलमानों का रहना मुश्किल हो जाएगा। ओवैसी जैसे उग्रवादी तत्व को तो तुरंत जेल में भेज देना चाहिए। हालांकि BJP की तरफ से ओवैसी के इस बयान पर यह कोई पहली प्रतिक्रिया नहीं है, नीरज बबलू से पहले भी बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा था कि ओवैसी का बयान भड़काऊ है और हिन्दुओं के प्रति द्रोह की भावना को दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह संवैधानिक व्यवस्था के अधीन हो रहा है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर श्री राम जन्मस्थान हिन्दुओं को सौंपा गया है। जिससे ओवैसी को ऐसे भड़काऊ भाषण देने का कोई मतलब नहीं बनता।

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BB17:Ayesha gets a panic attack after being scolded by Salman. https://addabloggers.com/uncategorized/bb17ayesha-gets-a-panic-attack-after-being-scolded-by-salman/ Wed, 03 Jan 2024 02:50:33 +0000 https://addabloggers.com/?p=382 Bigg Boss wild card contestant Ayesha Khan, who came to get clarity in her relationship with Munawar Faruqui, had to face the wrath of Salman Khan in the weekend war.

Salman Khan asked many questions to both of them regarding the relationship between Ayesha Khan and Munavvar Faruqui and Salman said that Ayesha deliberately revealed her relationship with Munavvar on the public platform so that she could be a part of the show.Salman asked Munavvar whether he has given commitment to Aayesha, in response to which he said no and many more serious questions were asked to both of them as a result of which Aayesha was seen using Munavvar sometimes.Salman seen explaining to Munavvar how important it is for him to bring clarity in his relationships whether it is with Aayesha or Nazila. 

After Salman left, Ayesha also had to face sharp questions from the family members and their taunts due to which she kept crying continuously. And when Munawwar was going to meet her Aayesha stopped Munavvar from coming near her and said never show his face to her, and Ankita consoled Aayesha.

Ayesha told Ankita that he used to give me hints of marriage, what a liar this person is. After crying for a long time, when she got up to go out, she fainted, after which she was taken to the hospital.  He was taken to the hospital for examination. During this, Salman Khan himself was present inside the Bigg Boss house and was seen explaining the situation to the housemates.

Besides Aayesha, Abhishek Kumar also had to face Salman’s anger this week.  Salman also asked Abhishek Kumar about his and Munavvar’s friendship and said that he was just trying to resolve the fight between Munavvar and Mannara for his own benefit. Salman said “You are not Munavvar’s friend, you are just taking advantage of him”

Aayesha had come to the show to tell about her and Munavvar Faruqui’s affair and how Munavvar had betrayed her and her ex-girl friend Nazila.  However, after Aayesha’s entry in Bigg Boss, there has been spice in the Bigg Boss house and Aayesha’s popularity is also increasing and her followers on Instagram are also increasing very fast.

Along with this, this week two evictions took place simultaneously in Bigg Boss house in which Rinku Dhawan and Neil Bhatt were evicted from the show.  This week, four people were nominated for eviction in the show, Ayesha Khan, Rinku Dhawan, Abhishek Kumar and Neil Bhatt, who was nominated for the entire season.  However, the audience seems quite happy with Rinku Dhawan’s exit from the show.Neil Bhatt’s wife Aishwarya was evicted last week on the basis of rules break by the captain of the house Isha, which is being called a very unfair decision. Aishwarya in her interview shared how an unfair game has been played with her. She said that eviction was to be done on rule break in which Anurag Dobhal had broken the most rules but still Isha chose her over Anurag.

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पाकिस्तानी क्रिकेटरों पर भड़के मोहम्मद शमी, सुधरने की दी नसीहत https://addabloggers.com/uncategorized/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0/ Wed, 22 Nov 2023 14:48:41 +0000 https://addabloggers.com/?p=376 भारत की में खेला गया आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 अभी हाल ही में खत्म हुआ है। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 19 नवंबर को अहमदाबाद में खेला गया था जिसमें भारत को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था और 10 में से 10 मैच जीत कर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी। जहां सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को भारत ने करारी शिकस्त दी थी। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहम्मद शमी ने 7 विकेट लिए थे वही पूरे टूर्नामेंट में 24 सबसे ज्यादा विकेट भी चटकाए।

मोहम्मद शमी के इस शानदार प्रदर्शन पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर्स शमी के प्रदर्शन पर विवादित बयान देते नजर आए,पूर्व पाकिस्तानी प्लेयर हसन रजा ने बयान दिया था कि भारतीय गेंदबाजों को शायद बाकी टीमों से अलग कोई स्पेशल बॉल दी जा रही है, इसलिए वो ऐसा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसपर पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भी उनको जमकर सुनाया था।

प्यूमा इंडिया के इंटरव्यू के दौरान शमी ने इन तमाम आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा ” यह बात कई दिनों से यह सुनने में आ रहा था। हालाँकि मैं तो शुरू के मैच में खेला भी नहीं था। मगर जब मुझे जब मौका मिला तब 5 विकेट लिए। अगले मैच में 4 विकेट लिए, फिर से 5 विकेट लिए। कुछ पाकिस्तान के प्लेयर्स को यह बात हजम नहीं हो रही है, मैं क्या करूं। तुम्हें बॉल कुछ और कलर की मिल रही है. बॉल कुछ और कंपनी की मिल रही है. आईसीसी ने तुमको अलग से दे दी है. अरे भाई सुधर जाओ यार।
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जीवन- एक यात्रा। https://addabloggers.com/food-travel/%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a5%a4/ Wed, 08 Nov 2023 16:59:17 +0000 https://addabloggers.com/?p=370 जब आज मैं आज सुबह ऑफिस के लिये बस से आ रही थी तब मैंने कुछ कालेज के छात्रों को ट्रैवल डायरी के बारे में बात करते सुना कि कैसे कोई स्थान पर लोग घूमने जाते है कितना कुछ सीखते हैं तभी मेरे मन में एक सवाल उठा की आखिर क्यों केवल सुन्दर स्थानो के यात्रा को ही यात्रा कहा जाता हैं? बचपन से ही मैं अपने बड़े बुजुर्गों से यह सुनते आई हूँ कि जीवन जो हैं वह एक कठिन यात्रा है। तो क्यों ना मैं अपनें इस सुबह की शुरुआत जीवन के इसी कठिन यात्रा की बात करू।

अगर हम तुलना करें तो सही मायनों में स्थानो की यात्रा और जीवन की यात्रा में ज़्यादा कुछ फर्क़ नहीं है, मैं आपको बताती हूँ कैसे?जरा सोचिए जब हमे कहीं यात्रा पर जाना होता है तो सबसे पहले जो हम चुनते है वह है एक सुन्दर सी जगह वैसे ही ठीक हम मानव थोड़ी समझ आने के बाद चुनते है एक सुन्दर सा पेशा जहां हम जाना चाहते हैं पर जैसे हमे उस यात्रा में नहीं पता होता कि आगे क्या है, कौन कौन सी बाॅधाए है ठीक वैसे ही इस जीवन के सफर में हमे अपने आने वाले बाधाओं का कोई अंदाजा नहीं होता बस फर्क़ इतना होता है कि स्थानो की यात्रा एक सीमित अवधि के लिए होती है पर जीवन की यात्रा बस चलते ही जाती है जिसका रुकने का भी कोई ठिकाना नहीं होता दोनों ही यात्राओं के दौरान हमे कई उतार- चढाव ,चुनौतियों का सामना करते है पर जैसे हम स्थानों की यात्रा के लिए पहले से खुद को तैयार करते हैं जीवन के सफर में भी हर परिस्थिति के लिए हमें खुद को तैयार रखना होगा तभी हमारा स्थानों वाली यात्रा और जीवन की यात्रा अपनी तय मंजिल पर पहुंचेगी।

उम्मीद है दोस्तों आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा

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अब नर्सों की कमी को पूरा करेगा ये AI टूल । https://addabloggers.com/uncategorized/%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0/ Tue, 17 Oct 2023 06:23:38 +0000 https://addabloggers.com/?p=365 इंदौर के गौरव परचानी ने एक ऐसा AI टूल का आविष्कार किया है जो कि अस्पतालों में नर्सो की कमी को पूरा करेगा आप सभी जानते है कि इस देश मे नर्सों की भारी कमी हैं । बता दें की देश मे प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के पास लगभग कुल 20 लाख बेड हैं। इनमें से आईसीयू बेडस की संख्या 1 लाख 25 हजार के करीब है और केवल इन्हीं बेडस पर एडमिट मरीजों के लिए एक मरीज पर एक नर्स हो सकती हैं, बाकी 18 लाख से बेडस पर कही 4 मरीजों पर एक नर्स तो कही 20 मरीजों पर एक नर्स होती हैं।

इस AI तकनीक की मदद से अब मरीज के वाइटल पैरामीटर्स जेसे कि उसका पल पल का ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन का स्तर, टेंपरेचर, ईसीजी, हार्ट रेट जैसे सब कामों को यह मशीन कर सकती है । इसके लिए अस्पताल के बेड में एक सेंसर लगाना पड़ता हैं ताकी सेंसर मरीज के तमाम टेस्ट करता रहे और उसका डाटा मरीज के पास रखे मॉनिटर में डिस्पले होता रहे। ये डाटा लगातार नर्सिंग स्टेशन पर मौजूद नर्स के सिस्टम में भी अपडेट होता रहता हैं ताकी जब भी कोई emergency मे जल्द से जल्द उनका इलाज हो सके इतना ही नहीं किसी मरीज के लेवल अगर असामान्य हो जाय जैसे उसका ब्लड प्रेशर जरूरत से ज्यादा उपर नीचे हो या फिर उसके इसीजी से हार्ट अटैक का खतरा सामने आ रहा हो तो ऐसे मरीज के डाटा के साथ वॉर्निंग अलर्ट भी आने लगता हैं। ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और ओर सांस की गति बेड के नीचे लगे सेंसर से पता चल जाता है जबकि ऑक्सीजन, ईसीजी ओर टेम्परपेचर के लिए मरीज को तीन डिवाइस लगाए गए हैं।

और सबसे अच्छी बात इस AI टूल की यह है कि ये सभी टूल वायरलेस डिवाइस हैं जिसके कारण अगर मरीज को अगर चलना घूमना हो तो उसे बार-बार तारों को निकालना और वापस लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

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क्या हैं डिप्रेशन?,शुरुआती लक्षण और उसके इलाज? https://addabloggers.com/health-research/mental-health/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82-%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b6%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%86%e0%a4%a4/ Thu, 12 Oct 2023 15:56:34 +0000 https://addabloggers.com/?p=361 आज की भागती-दौड़ती दुनिया मे मेंटल हेल्थ से जुड़े कई परेशानियों का सामना लोग कर रहे हैं,आजकल स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या तो मानो आम सी हो गई है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लेवल पर आठ में एक शख्स मेंटल डिसऑर्डर (mental disorder) का शिकार है ।

स्ट्रेस और डिप्रेशन के कई कारण होते हैं जैसे काम का प्रेसर,पढ़ाई का प्रेसर,फ्यूचर की अत्याधिक चिंता, और रिलेशनशिप में होने वाली समस्याएं या फिर आर्थिक दिक्कत। अगर हम WHO की मानें तो 30 करोड़ से ज़्यादा लोग डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या से ग्रसित हैं वही भारत में लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। डिप्रेशन एक मेंटल डिस्ऑर्डर हैं जिसके कारण व्यक्ति खुद को हमेशा उदास और अकेला महसुस करता है। डिप्रेशन का असर व्यक्ति की सोच,व्यावहार और वो लगातार कैसा महसुस कर रहे हैं इन सब पर असर पड़ता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को अपने दैनिक कार्यों को करने में भी दिक्कत होती हैं जिसकी वजह से कई बार भावात्मक और शारीरिक समस्याए भी पैदा होती है।

डिप्रेशन के शुरुआती संकेत-

लगातार खुद को उदास और अकेला महसुस करना

डिप्रेशन के कारण कई बार व्यक्ति भावात्मक रूप से खुद को महीनों या हफ्तों तक खुद को उदास और अकेला महसुस करते हैं

कोई भी काम में मन नहीं लगना

डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को उनके रूचि वाले काम भी करने को मन नहीं करता

शरीर के वज़न में बदलाव

डिप्रेशन के कारण व्यक्ति या तो हमेशा की तुलना ज्यादा खाना खाता है या फिर कम जिसके कारण उनके शरीर का वज़न या तो बढ़ जाता है या तो कम ही हो जाता है।

सूइसाइड के बारे मे सोचना

डिप्रेशन सूइसाइड का एक बड़ा कारण है, डिप्रेशन मे अक्सर लोगों को लगता हैं कि वो क्यु ही जी रहे ।जायदा गुस्सा करने लग जाना डिप्रेशन के कारण लोगों में चिढ़चिढ़ापन बढ़ जाता है जिसके कारण वो ज्यादा गुस्सा करने लगते हैं।

नींद में बदलाव

डिप्रेशन से ग्रसित लोग या तो अत्याधिक सोते हैं या फिर बहुत ही कम।

हमेशा एनर्जी लो और थकावट महसुस करना

डिप्रेशन के कारण व्यक्ति हमेशा एनर्जी लो और थकावट महसुस करता हैं। ऐसे और भी कई संकेत है जो डिप्रेशन की तरफ इशारा करते हैं जैसे कि ध्यान केंद्रित करने मे समस्या,खुद को योग्य नहीं समझना इत्यादी।

अगर आप इन संकेतों में दिए गए समस्याओं से जूझ रहे हैं तो कृपया मनोरोग-चिकित्‍सक की मदद ले डिप्रेशन से उभरते के लिए कोई लंबे समय वाले इलाज की ज़रूरत नहीं होती आप दवाओं और साइकोथैरेपी की मदद से भी बेहतर महसूस कर सकते हैं।

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प्यार कि एक अलग ही परिभाषा दर्शाती हैं, दुलकर सलमान और मृणाल ठाकुर कि फिल्म “सीता रामम” https://addabloggers.com/music-movie/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%85%e0%a4%b2%e0%a4%97-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a4%be/ Wed, 11 Oct 2023 02:50:00 +0000 https://addabloggers.com/?p=358 Movie Review- सीता रामम (हिंदी)

कलाकार– दुलकर सलमान , मृणाल ठाकुर , रश्मिका मंदाना , तरुण भास्कर , सुमंत यालगर्डा , गौतम मेनन , भूमिका चावला , प्रकाश राज और टीनू आनंद आदि।

लेखक- हनु राघवपुडी , रुथम समर और राज कुमार कदमुडी

निर्देशक- हनु राघवपुडीनिर्माता-सी अश्विनी दत्त

रिलीज- 2 सितंबर 2022

फ़िल्म, तीन शब्द का यह फिल्म लोगों को कई आशाएं, कई सपने तो कभी कभी जिंदगी जीने का तरीका भी दे जाता हैं। और वो कहते हैं ना कि एक फिल्म तभी अच्छी मानी जाती हैं जब वो दर्शकों को बांधे रखती हैं मतलब दर्शकों को बोर होने का एक भी मौका नहीं देती और एक अच्छी कहानी वो होती है जो दर्शकों को भावुक कर जाए ।हनु राघवपुडी के निर्देशन में बनी फिल्म सीता रामम ये दोनों ही कसौटियों पर खरी उतरी है।इस फिल्म को पहले दक्षिण भाषा में रिलीज़ किया गया था जिसे दर्शकों से भरपूर प्यार मिला उसके बाद इसे हिंदी भाषा मे भी रिलीज किया गया।

अगर फिल्म कि स्टार कास्ट की बात करे तो फिल्म में दुलकर सलमान , मृणाल ठाकुर , रश्मिका मंदाना , तरुण भास्कर , सुमंत यालगर्डा , गौतम मेनन , भूमिका चावला , प्रकाश राज और टीनू आनंद आदि जैसे प्रतिभाशाली कलाकार हैं,जिनकी अदाकारी की तारीफें दर्शक करते नहीं थक रहे। इस फिल्म को दर्शकों से जम कर सराहना मिली हैं। वैसे तो यह फिल्म एक पीरियड-रोमांटिक ड्रामा फिल्म है।लेकिन फिर भी इसमें भारतीय संस्कृति,हिन्दू मुसलमान के सकारात्मक पहलू तथा देश के प्रति प्रेम को बड़े ही अच्छे ढंग से पर्दे पर दिखाया गया है।

कहानी

अगर फिल्म कि कहानी की बात करे तो कहानी पाकिस्तान में रहने वाली एक लड़की के साथ शुरू होती है। पाकिस्तान में रहने वाली लड़की का नाम आफरीन है और इस किरदार को रश्मिका मंदाना ने निभाया है। इसके अलावा राम का किरदार दुलकर सलमान निभाया है और सीता का किरदार मृणाल ठाकुर ने निभाया है।“एक पाकिस्तानी लड़की है। जिसके दादा जी पाकिस्तान आर्मी में अफसर थे। लेकिन अब वो दुनिया में नहीं है। वो एक चिट्ठी और तमाम जायदाद अपनी इस बच्ची के नाम छोड़ गए हैं और साथ छोड़ गए हैं एक चिट्ठी। ये पाकिस्तानी लड़की, अपने दादा जी की जायदाद से कुछ रूपये चाहती है। लेकिन ये रूपये उसे तभी मिलेंगे, जब वो चिट्ठी को भारत में बैठी सीता को देकर आएगी। लड़की चाहे जो भी कर ले उसे जायदाद तब तक नहीं मिलेगी जब तक चिट्ठी सीता तक न पहुंच जाये। लड़की भारत आती है जहां उसकी मदद करते हैं बालाजी। बालाजी का किरदार तरुण भास्कर ने निभाया है। बालाजी और आफरीन इस चिट्ठी को पहुंचाने के लिए हर तरह से प्रयास करते हैं और उस प्रयास के दौरान वो ऐसी कहानी और रहस्यों से रूबरू होते हैं जिससे सिर्फ आफरीन ही नहीं दर्शक भी अपने आंशू रोक नहीं पाते हैं। अब आफरीन और बालाजी दोनों मिलकर चिट्ठी को उसकी मंजिल तक पहुंचा पाते हैं या नहीं और इस प्रक्रिया के दौरान ऐसा क्या होता है की दर्शकों की आंखो से आंशू बहने लगते हैं इसे देखने के लिए आपको सिनेमाघर की ओर जाना पड़ेगा

अक्सर हिन्दी फ़िल्मों में औरतों को ऐसे दिखाया जाता हैं कि लड़कियां लड़कों पर निर्भर रहती हैं,बस एक सुन्दर लड़कि जिसका रोल पूरी फ़िल्म में बस उसकी सुंदरता होती हैं पर इस फ़िल्म ने उन सोच को पिछे छोड़ते हुए सीता को एक आत्मनिर्भर,सुन्दर और बेहद समझदार दिखाया गया है। साथ ही इस फिल्म में स्त्री प्रेम को दर्शाया गया है कि कैसे कोई स्त्री अपनी सारी उम्र अपने प्यार का इन्तेज़ार करती हैं और कैसे अपने प्रेम के लिए स्त्री अपने ऐशो आराम की कुर्बानी बड़ी आसानी से दे देती हैं पर अपनी जिम्मेदारियों से कभी नहीं हटती। फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना अच्छा है की आपके दिल को सीधे छूता है। फिल्म में देशप्रेम तो है इसके अलावा इंसानियत भी है। इंसानियत में पनपता प्रेम भी है।इस फिल्म के गीत भी नए हैं और म्यूसिक भी सुकून देने वाला है। जो आपके साथ सिनेमाघर से निकलने के बाद भी रहता है।

नीचे आपके लिए फिल्म के कुछ dialogue लिखते जा रही ताकि आप समझ पाये की फिल्म की कहानी को कितनी खूबसूरती से लिखी गई है।

“तुम्हें पैसो की जरूरत है और इस चिट्ठी को अपनी मंजिल की”

“आमदनी न हो तो अट्ठनी खर्च करना भी महंगा पड़ता है”

“हमें किसी देश को तबाह नहीं करना, बल्कि अपने देश को तबाही से बचाना है”

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Why this generation is more worried https://addabloggers.com/health-research/mental-health/why-this-generation-is-more-worried/ Tue, 10 Oct 2023 14:49:12 +0000 https://addabloggers.com/?p=356 In this 21st century,people are facing lots of problems but instead of all this,a major problem is overtaking all those which is a problem of getting more worried.This new generation has complicated all thosethings which could have been so simple like worrying more than they actually should. There are lots of reasons like anxiety, depression,overthinking and many more. Unemployment is a major reason why this young generation is more worried, they are worried about their future, they are worried about their standards which they had expected to be very high.Now in this era, the world is about to be under finger means technology like mobile phones and internet can bring you anything you want but unfortunately many unwanted distractions, anxiety comes along with it. This young generation is so busy with social media that they have started comparing themselves with other random people through social media and after losing an imaginary war on social media which does not even exist,they start to feel sorry as they think they are not compatible with others. This is an intense and a major reason for being more worried which people are just ignoring and not taking so seriously. This young generation has reached a level where they are being mentally ill,they are not focusing on their mental health and this is making them unhappy too. Now, It’s time for this youth to focus on their mental health,should meditate daily so canavoid mental Chaos. This youth need to stop being distracted by this social media and internet stuffs so they can avoid unwantedthing which could make them more worried.

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आखिर लड़के समझें तो समझें कैसे? https://addabloggers.com/education/%e0%a4%86%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%9d%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%9d%e0%a5%87%e0%a4%82/ Mon, 09 Oct 2023 03:30:00 +0000 https://addabloggers.com/?p=354 हम अक्सर लड़कों को बोलते हैं कि वह हम लड़कियों को समझते ही नहिं हैं जो शायद एक जगह पर काफी सही भी होता है पर कभी इस बात पर गौर किया हैं कि आख़िर क्यों लड़के हमें समझ नहिं पाते?नहिं ना? हमने दर-असल कभी यह जानने की कोशिश ही नहीं कि, की लड़के आखिर क्यों हमारी भावनाओं, हमारी स्थिति को समझ नहिं पाते।पर अगर हम कुछ पहलुओं पर गौर करें तो लड़कों को कभी यह बताया ही नहीं गया की ल़डकियों को क्या क्या और किन किन चीजों का सामना करना पड़ता है। उनके पूछें गये सवालों को बस यह कह कर टाल दीया जाता हैं की यह ल़डकियों कि बात हैं, तुम्हें समझने कि जरुरत नहिं हैं। जब हम लड़कों के सवालों को बस यह कह कर टाल देते हैं कि तुम्हें इन सब बातों को समझने की कोई जरूरत नहिं हैं। फिर हम उनसे यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि बाद में वह हमारी परेशानियों को समझे। जब उनके मन में जो सवाल आते हैं किi आखिर क्योँ उन्की दीदी पाँच दिन पेट पकड़ कर बैठी है आखिर क्यूँ वह रो रही है? जब वह मम्मी या दीदी से पूछते हैं कि हुआ क्या है? तब मम्मी या दीदी वहीं एक पुराना सा जवाब आता हैं की ल़डकियों कि बात है तुम्हें समझने कि जरुरत नहिं है। और जब कभी टीवी पर सेण्टीरि पैड के एड आते थे जिनमें खुन का रंग ब्लू दिखाया जाता था तब वह सवाल करते थे कि आखिर यह है क्या तब घर के लोग उन्हें सेण्टीरि पैड कि जगह कुछ और बताते थे कि यह काम की चीज़ नहिं है। और उनके मन में सवाल तब भी आते थे जब टीवी में आ रहे प्रचार में किसी लड़कि को यह दिखाते थे कि उसकी शादी बस इस वज़ह से नहिं हो रही है क्यूंकि वह लड़की काली हैं। उनके मन में यह बात दरअसल बचपन में ही बैठ जाती है कि अगर लड़की काली हैं तो लड़की अच्छी नहिं है और वह ऐसा सोचे भी क्यों ना? जब हम छोटे थे तब तो हमें लगता था कि टीवी में जो भी दिखाया जा रहा है वह सच है। अगर हम बोले कि मिडिया कि भी इस सोच में उतना ही हाथ है, जितना आज या पुराने ज़माने कि उन औरतों की होती थी जो ना लड़कों कि मन के सवालों के ज़वाबो को बताती थी। पर अगर हम मीडिया कि बात करें तो मीडिया ने महिलाओं को ऐसे दर्शाया है कि महिला सिर्फ घर के काम, बच्चे को संभालना इत्यादि ही करती थी। इसका एक बहुत ही अच्छा उदाहरण यह है कि आप किसी भी पुरानी या आप अभी के ही ज़माने में आ रहे प्रचार को देख ले जहां पर अगर कोई किचन का काम हैं, कोई पुरुष को उनमें दिखाया नहिं जाता है यह कहना बिल्कुल भी गलत नहिं होगा कि यह सोच बनाने में मीडिया का पूरा हाथ है कि महिलाएं सिर्फ घर के काम, बच्चों को संभालना इत्यादि ही करतीं हैं । यहाँ तक की उन्हें इस तरह से दिखाया जाता है कि महिलाओं को अक्सर एक हीरो यानि की एक नायक जो उनकी जिंदगी में आता है तभी उनकी जिंदगी आसान होती हैं,अन्यथा उन्की जिंदगी अच्छी नहिं होती है मीडिया ने महिलाओं को ऐसे दर्शाया है की महिलाओं को हमेशा आदमी पर निर्भर होना पड़ता है जो बच्चे बचपन से यह सब देखते आ रहे हैं कि महिला असल में ऐसी ही होती है तो आखिर गलती है किसकी? उन लड़कों कि जिनको उनके सवालों का कभी जवाब नहीं मिला जिन्होंने हमेशा से यहीं सोचा है कि महिलाएं उन पर निर्भर होती है, महिलाएं किचन मेँ ही होतीं हैं और यह उनका ही काम होता है। उन्होंने कभी देखा ही नहिं की महिलाएं किन-किन दिक्कतों का सामना करती है, किन-किन मुश्किलों से गुज़रती हैं। तो वह कैसे समझेंगे महिलाओं को?आखिर गलती किन कि हैं उन लड़कों कि जिनको कभी उनके सवालों का ज़वाब नहिं मिला या फ़िर मीडिया औऱ उन लोगोँ कि जिन्होंने उनके दिमाग़ मेँ यह बात डाली कि ल़डकियों का मामला है उन्हें समझने की कोई जरूरत नहिं है।

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Is the media showing women behind in this growing world? https://addabloggers.com/uncategorized/is-the-media-showing-women-behind-in-this-growing-world/ Sun, 08 Oct 2023 17:27:26 +0000 https://addabloggers.com/?p=351 यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला क्रिया:॥ That means where women are honored,divinity blossoms there. And where they are dishonored,all actions remain untruthful. And if we talk about women then 50% of the world population is women and it is very unfortunate to say that there are different ways in which women have been portrayed by the other 50% and have been supported by women itself across the world through media

Even though the media has always had the basic responsibility of portraying the public in its most RAW and clear way, it has been very different when it comes to putting real women in the media. There are mainly three ways in which women are portrayed across the world which I would like to speak about today.Firstly being the helpless, strengthless and hopeless face of women that has been created and has brainwashed the first generations to think women to be dependent on men. This is nothing but a mere product of masculine dominance in the society. This has been brought into action in various ways inside the frame of media. One of the best examples for the same is the unrealistic portrayal of Mensuration through Blue Blood on sanitary napkins in sanitary napkin advertisements. Every time we start watching a movie there is a need for a hero for every single heroine and when we start watching a serial we see other women mistreating and harassing the women to do anything for the hero. Secondly it is showcase in women as the epitome of strength sacrifice and power. Unfortunately this comes with a timeline and a due date. This section of women has always been sword only during religious occasions like Navratri or mother’s day and Women’s Day. It is very unfortunate to say that even though India has been worshiping women for millions of years now be need a particular day to embrace her strength and her sacrifice. It is heart breaking that understanding of a woman has been based on unfortunate circumstances and she has been a goddess for 9 days and the very next day she will be the next victim for another Nirbhaya case again.Thirdly it is about the unspoken class or sector of women that is the transgender women in the society. This sector of women has always been considered to be an outcast and has not been allotted the diversity and the dignity that a woman deserves. It is very disappointing to say that stereotypiclization of such boundaries has made it extremely difficult for the growth and development of half the population of the world. It shall we are due responsibility as young journalist to portray the truth and to show case the reality of what a woman is going through and what she deserves in the future.

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